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Sanskar

1. National Group Song Competition

The Project

It was the year 1967 when the first National Group Song Competition of patriotic songs was held. Ever since  then such competitions have become an annual feature. In fact this inspirational annual competition generating patriotic fervor has come to provide a measure of Bharat Vikas Parishad’s popularity and identity among the student community, their family members and the teachers. 

We had the privilege of having Presidents like Dr. Zakir Hussain, Gyani Zail Singh, Shri Neelam Sanjeeva Reddy and Shri Ram Nath Govind to preside over the annual National Group Song Competitions.

The competitions are held for students from class VIth to XIIth at Branch, Prant, Region and All India levels. In the competition at the national level, a team from each Region sings one patriotic song in Hindi from “Chetna Ke Swar” and a regional language and the best teams are awarded prizes. 

Every year over 5 lakh students from about 50,000 schools participate in this programme at the branch level. 

राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता

राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता भारत विकास परिषद द्वारा ‘संस्कार निर्माण’ के उद्देश्य से किये जा रहे विभिन्न प्रकल्पों में सर्वाध्कि लोकप्रिय प्रकल्प है। इस प्रतियोगिता का मूल उद्देश्य है देश के नन्हें, नौनिहालों में तथा युवा पीढ़ी में भी राष्ट्रीयता की भावना, चारित्रिक गुण, सामाजिक उत्तरदायित्व और नैतिकता के मूल्यों का सृजन करना।

भारत विकास परिषद् ने सर्वप्रथम 1967 में दिल्ली के स्कूल-काॅलेजों के छात्रा-छात्राओं को देशभक्ति के गीत सामूहिक रूप में गाने के लिए प्रेरित किया और एक तत्संबंध्ी प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम  डाॅ. जाकिर हुसैन साहब भी उपस्थित हुए। उन्होंने कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की तथा परिषद् को इस कार्यक्रम को देशव्यापी बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता का प्रथम आयोजन वर्ष 1975 में सम्पन्न हुआ और इस प्रकल्प की अपनी अनवरतता, भव्यता एवं लोकप्रियता के साथ प्रति वर्ष राष्ट्रीय आयोजन होते हैं।

राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता में हिन्दी एवं संस्कृत गीतों के साथ ही क्षेत्राीय गीतों की प्रतियोगिता भी होती है। भारत एक विशाल देश है और देश के प्रत्येक राज्य एवं क्षेत्रा का अपना गौरवपूर्ण अतीत है, अपने-अपने क्षेत्रों की वीर-गाथाएँ है और क्षेत्रों के सांस्कृतिक मूल्यों के अनुरूप गीत और संगीत की परम्पराएँ हैं। इन्हीं की सामूहिक अभिव्यक्ति का माध्यम है ‘क्षेत्राीय समूहगान प्रतियोगिता’। विभिन्न क्षेत्रों, विभिन्न वेश-भूषाएँ भिन्न-भिन्न भाषाएँ एवं भिन्न-भिन्न संगीत यंत्रा आयोजन में गरिमामयी भारत का सुन्दर एवं समग्र चित्र बना देते हैं।

राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता परिषद् द्वारा चयनित गीतों की पुस्तिका ‘राष्ट्रीय चेतना के स्वर’ पर आधरित होती है, जिसमें राष्ट्रभाव एवं राष्ट्रीय एकात्मता के विभिन्न पहलुओं को लेकर गीतों का चयन किया जाता है, यद्यपि समय-समय पर इन गीतों/गानों में परिवर्तन किया जाता रहा है। इन गीतों में राष्ट्र-प्रेम की भावना को संचरित करने पर विशेष बल दिया गया है, जिसमें प्रत्येक प्रकार के राष्ट्र सेवा की संकल्पना है।

राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता तीन स्तरों पर आयोजित की जाती है। सर्वप्रथम इस प्रतियोगिता का आयोजन शाऽा स्तर पर किया जाता हैं शाऽा स्तर पर प्रथम आने वाली टीमें प्रान्तीय स्तर के आयोजन में भाग लेती हैं और प्रान्तीय स्तर पर सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाली टीमें राष्ट्र-स्तरीय आयोजन में सहभागिता करती है।इस प्रकल्प के राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों में राष्ट्रपति  श्री राम नाथ कोविंद, डाॅ. जाकिर हुसैन के अतिरिक्त श्री वी.वी. गिरि ; श्री वराहगिरि वेंकट गिरिद्ध, श्री नीलम संजीव रेड्डी व श्री ज्ञानी जैल सिंह जी ने अध्यक्षता करके इन कार्यक्रमों की शोभा में श्रीवर्धि की है।

देशभक्ति के गीतों से परिपूर्ण इस प्रतियोगिता ने ही परिषद् की छात्रा-छात्राओं के मध्य लोकप्रियता और पहचान बनाई है और निश्चित रूप से यह प्रकल्प भारत में अपने ढंग का अकेला और अपूर्व प्रकल्प है।

2. Bharat Ko Jano

The Project

This competition is a quiz programme for the school children to increase their awareness about the distinctive features of our country and culture.

Before the “Bharat Ko Jano” project was taken at the national level,  this  had successfully been implemented  U.P. West Prant for a number of years. In the year 2000,  it was decided to conduct this programme  on  an experimental  basis in all the eight Prants of U.P. state. Encouraged by its success, it was decided to adopt it as an all India Project.

From the year 2001-02 this competition is being held at branch, state and national levels.  During the third all India completion held in 2003-04, for the first time computers were used.  All the questions were displayed on the computers kept in front of the teams as well as the audiences.  

This “Bharat Ko Jano” programme has generated great interest among the students.  Now over 15 lakh students annually participate in this programme. Every year over 2.5 lakh “Bharat Ko Jano” books  are distributed among the school students for this competition.

Online Bharat Ko Jano
Parishad has also launched “Online Bharat Ko Jano” programme for the students of colleges and technical / professional institutes in India or abroad.

भारत को जानो प्रतियोगिता
विद्यार्थियों में भारतीय मूल्यों, भारतीय संस्कारों, भारतीय आस्थाओं तथा भारत की गौरव गाथा के प्रति गौरवपूर्ण भावना के सृजन हेतु परिषद् वर्ष 2001 से राष्ट्रीय स्तर पर भारत को जानो प्रतियोगिता सम्पन्न कर रहा है।

स्वामी विवेकानन्द जी का कथन है कि ‘‘अतीत की नींव पर ही भविष्य की श्रेष्ठताओं का निर्माण होता है।’’ सत्य है कि गौरवपूर्ण अतीत से प्राप्त आत्म -गौरव का भाव तथा प्रगतिशील वर्तमान से प्राप्त आत्मविश्वास, हमें उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर करने में सहायक होता है। भारत के इसी गौरवपूर्ण अतीत और प्रगतिशील वर्तमान से संबंधित विभिन्न विषयों की प्रेरक व ज्ञानवर्द्धक जानकारी पर ही आधारित होती है यह, ‘‘भारत को जानो प्रतियोगिता’’।

भारत को जानो प्रतियोगिता तीन स्तरों पर, कनिष्ठ (कक्षा 6 से 8) तथा वरिष्ठ (कक्षा 9 से 12) दो वर्गों में होती है। प्रथम स्तर पर देश के सभी प्रान्तों में शाखा स्तर पर दो चरणों में होने वाली लिखित परीक्षा व मौखिक प्रतियोगिता के आधर पर चयनित, कनिष्ठ व वरिष्ठ वर्गों के दो-दो प्रतिभागियों की टीमों को प्रत्येक शाखा द्वारा प्रान्त स्तर पर भेजा जाता है। द्वितीय स्तर में प्रान्त स्तर पर मौखिक प्रश्न मंच द्वारा चयनित दोनों वर्गों की एक-एक सर्वश्रेष्ठ टीम को तृतीय स्तर पर रीजनल स्तर की प्रतियोगिता भेजी जाती है। रीजनल स्तर पर विजेता टीमों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भेजा जाता है, जहाँ टीमों के मध्य रोचक तरीके व आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक एवं कम्प्यूटर तकनीक से मौखिक प्रश्नमंच का आयोजन होता है।

भारत को जानो प्रतियोगिता प्रकल्प कुछ ही वर्षों में परिषद् परिवार के साथ-साथ विद्यालयों व आम जनमानस में बहुत ही लोकप्रिय हो चुका है। इस प्रकल्प की लोकप्रियता का ही परिणाम है कि प्रतिवर्ष परिषद् द्वारा हिन्दी व अंग्रेजी में अलग-अलग प्रकाशित ‘भारत को जानो’ पुस्तक की 2.5 लाख से अधिक प्रतियाँ वितरित होती हैं तथा 15 लाख से अधिक विद्यार्थी इस प्रतियोगिता में भाग लेते हैं।

3. Guru Vandan Chhatra Abhinandan

The Project

Primary purpose of this programme is to STRENGTHEN in the minds of children the idea of respecting their parents & teachers, whose blessings will enable them to be successful in life. 

Under this programme, the representatives of Bharat Vikas Parishad visit selected Schools, Colleges or any other Institutions (SCIs) in and around their areas to express thanks and gratitude to the teachers and congratulate the meritorious students. The most important aspect of the program that makes it a Special one is that the students are encouraged to take the Blessings of teachers & parents by touching their Feet. 

This is extremely important to redevelop the fast deteriorating Teacher – Student relationship and inculcate humbleness in the mind of children. 

The Procedure for conducting the Programme 
(Preferably, in General Assembly of Students in the presence of the parents of Awardee students) 

             a. Welcome by SCI Principal or the Head.
             b. Brief Introduction of BVP and its activities at Centre, Prant and Branch levels – by BVP Member/s.
             c. Talk on “Significance of Parent / Teacher / Student relationship” by a BVP Member.
             d.Taking of Oath by all the persons attending the Program.
             e. BVP Members honoring School Principal and the Trustees.
             f. BVP Members honoring selected Students by giving them certificates.  
             g. Vote of Thanks – by BVP Member
             h. All the students offer flowers to all their Teachers as a mark of respect and take their Blessings by  
                touching their Feet.   
             i. In case of large numbers, the students are divided in several groups to take blessings from 1 or 2 teachers |
                and the seating arrangement should be made accordingly to save time and chaos.
             j. Every Branch organises a separate program of Teachers Meet at one place for honouring the Teachers of X
                and the seating arrangement should be made accordingly to save time and chaos. 

The Oath
(To be taken by all the persons present at the Programme) 

I Solemnly Resolve That I Will Always Pay Due Respects To My Parents, Teachers, Women And Elders.  
I Will Discharge My Duties And Responsibilities Keeping In Mind The National Culture, Traditions, Moral Values And Civil Rights.
I Will Neither Smoke Nor Consume Any Narcotic Products In Any Form.
Suggested Criterion for selection of Teachers & Students for Felicitation:
For Teachers: ( felicitation at Teachers Meet of participating schools) 
A. Principal, Vice-Principal, Head Master / Mistress.
B. Who has been longest in service with the School / SCI? 
C. Whose efforts have been recognized / awarded / honoured by Central / State / Prestigious Institutions / Body in any field. 
D. Who has been sent abroad in Teachers Exchange Program?
E. Who has authored books or written articles for good causes.
F. Who have excelled in any extra- curricular activities?
G. Whose subject result was 100% in the last Board/University/Institution Examination

For Students:
A. Who has stood First in the Class.
B. Who is School Captain or House Captain or Sports Captain, etc.
C. Who has participated in the National / State Parade on Independence Day or Republic Day (15th August or 26th January ) 
D. Who has scored highest marks in the school in any subject in the Board / University / Institution Examinations.
E. Who has won at any National / State / Prestigious Competitions 
F. Who has been honoured by Central / State / Prestigious Institutions 
G. Who possess Extra-ordinary talent in Sports, Cultural Activities, Painting, Arts & Crafts, Music, Debate, etc. 
H. Who has taken part in NCC, Junior Red Cross, Scouts & Guides, Mountaineering etc.

Parishad adopted this programme from the year 2001-02. The programme should be held during the period 1st April to 15th October and a report sent to Prant by 31st October.

गुरु वन्दन छात्र अभिनन्दन
भारत में गुरु-शिष्य सम्बन्धों की एक आदर्श परम्परा रही है। गुरु वन्दन-छात्र अभिनन्दन इसी आदर्श परमपरा के संरक्षण एवं संवर्द्धन का प्रयास है। साथ ही यह शिक्षा एवं नैतिकता के गिरते स्तर को रोकने का एक माध्यम भी है। यह प्रकल्प गुरु और शिष्य के मध्य आत्मिक संबंधों का सृजन करता है तथा छात्रों के मध्य इस मूल्य को विकसित किया जाता है कि गुरु के उचित मार्गदर्शन के बिना प्रगति सम्भव नहीं है, तो दूसरी ओर शिक्षकों में उनके अक्षर के तीन मूल्यों-शिष्टाचार, क्षमाशीलता और कर्तव्य परायणता-को ग्रहण करके उनमें यह भाव सुदृढ़ किया जाता है कि उनके ऊपर देश के भावी कर्णधारों को उचित मार्गदर्शन प्रदान करने का गुरुतर उत्तरदायित्व है।

परिषद् के ‘गुरु वन्दन-छात्र अभिनन्दन’ प्रकल्प में प्रतिवर्ष लगभग 5 हजार विद्यालयों से 15 लाख छात्रों की सहभागिता होती है। इसके आयोजन में, शाखाओं के पदाधिकारी विद्यालयों में जाकर कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। स्कूल के प्राचार्य/प्राचार्या, दीर्घकालीन सेवारत प्राध्यापकों, किसी विशिष्ट क्षेत्र में सम्मानित अध्यापकों, पुस्तक लेखन, शिक्षाणोत्तर गतिविधियों तथा अपने विषय में श्रेष्ठ परीक्षा-परिणाम वाले अध्यापकों का वन्दन किया जाता है। दूसरी ओर, मेधावी छात्र-छात्राओं के साथ-साथ खेल-कूद, एन.सी.सी., सांस्कृतिक गतिविधियों इत्यादि में विशिष्ट प्रतिभा वाले छात्र-छात्राओं का अभिनन्दन किया जाता है। इस कार्यक्रम की संस्कारपूर्ण विशिष्टता यह होती है कि छात्र-छात्राएँ अपने अध्यापकों को पुष्प भेंट कर उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

संस्कार प्रधान प्रकल्प ‘गुरु वन्दन-छात्र अभिनन्दन’ भारत विकास परिषद् का एक ऐसा प्रकल्प है, जिसके माध्यम से परिषद् भारतीय गुरु-शिष्य परम्परा की स्वतः सिद्ध सार्थकता को वर्तमान परिवेश में सर्वग्राह्य एवं चिरस्थायी बनाने हेतु कृतसंकल्पित है।

4. Guru Tegh Bahadur Balidan Diwas

Tegh Bahadur Balidan Diwas & Other Inspiring Events


Bharat Vikas Parishad has been observing the martyrdom day of Guru Teg Bahadur for many years. Public meetings, seminars and exhibitions are held to highlight the sacrifices of Sikh Gurus and pay respectful homage to the great patriot.

In addition, many other inspiring events of national & historical values are organized by the branches.

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